शाज़िया किदवई ANDAAZ-E-BAYAAN AUR EVENTS PRIVATE LIMITED
कंपनी की निदेशक हैं। शाज़िया किदवई बड़गांव, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश की हैं और
वर्तमान में शारजाह, यूएई में निवास कर रही हैं। शाज़िया किदवई एप्पी का सेंटर
(बड़ी बहन ) के संस्थापक भी हैं। वे स्कूल छोड़ने वालों को लेखन, पठन और गणित
गणना आदि में शिक्षा प्रदान कर रही हैं और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित कर रही हैं।
शाज़िया किदवई एक वित्त सलाहकार और यूएई के विदेशी निवासी भी हैं, क्योंकि
वह पिछले 21 वर्षों से यूएई में रह रही हैं। शाज़िया किदवई ने अपना शिक्षा केंद्र
अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ऑरिजिन से प्रेरणा लेकर शुरू किया है।
शाज़िया किदवई मूल रूप से उत्तर प्रदेश में लड़कियों की अशिक्षा दर को कम करने
के लिए काम कर रही हैं क्योंकि वो खुद यूपी से हैं हैं, इसलिए वह बेहतर जानती हैं
कि यूपी में साक्षरता दर काफी कम है और वह उन लड़कियों को शिक्षित करना
चाहती हैं जो आर्थिक रूप से गरीब हैं और अपनी पढ़ाई का प्रबंधन करने में असमर्थ हैं।
शाज़िया किदवई का मानना है कि भारत में लड़कियों की शादी पहले कर दी जाती है
इसलिए वह उन गरीब लड़कियों को शिक्षित करके और कुछ व्यावसायिक पाठ्यक्रम
पढ़ाकर उनकी मदद करना चाहती हैं ताकि वे स्व-रोज़गार कर सकें।येभीपढ़ें
जीवन परिचय
नाम- शाज़िया किदवई
उप नाम- "किदवई"
जन्म 6 दिसंबर
जन्म स्थान- बड़ गांव,बाराबंकी
पिता का नाम- खलील आर. किदवई
माता का नाम- मोहसिना किदवई
संतान- 1 बेटा और 1 बेटी
व्यवसाय- फाइनेंसियल एडवाइजर ,डायरेक्टर- अंदाज़-ए-बयां औरयेभीपढ़ें
CONCLUSION:-
शाज़िया किदवई यकीनन एक ऐसी नेक रूह और बा सलाहियत महिला हैं,जिनके हाथो
से ईश्वर भी शायद,बहुत सारे फ़नकारों की किस्मत को तराश वाना चाहता हे! उनके
पार्टनर रेहान सिद्दीकी साहब और शाज़िया किदवई ऐसी बा-कमाल सलाहियतों के मालिक
हैं की जिनके हाथो से मुशायरा इतिहास का सबसे बड़ा स्टेज शो और सबसे बड़े इवेंट्स
बहुत ही कामयाबी के साथ सपन्न होते हैं,में सोचता की आज दुनिया में हर एक शायर और
कवि का ख्वाब होगा की उसे
शाज़िया किदवई और रेहान सिद्दीकी साहब के,"अंदाज़ ए बयां और" के स्टेज से अपना
कलाम पढ़ने का मौका मिले,उर्दू अदब का ऐसा शानदार शाहकार नायाब प्लेटफॉर्म दुनिया
भर में पहली बार देखने को मिल रहा हे दुनिया के सबसे काबिल तरीन शायर और कवियों
के कलाम सुनने और देखने को मिलते हैं
अगर हम बात करे "अंदाज़- ए- बयां और" की कामयाबी की तो आज दुनिया में किसी भी
साहित्यिक मंच के इतने सोशल मीडिया फॉलोअर नहीं हैं जितने,इस
जादुई मंच "अंदाज़-ए-बयां और" के हैं
मिर्ज़ा असद उल्लाह खान ग़ालिब ( मिर्ज़ा ग़ालिब ) के जिस शेर का मुखड़ा लेकर ये प्रोग्राम
डिज़ाइन किया हे
हैं और भी दुनिया में सुख़नवर बहुत अच्छे
कहते हैं के ग़ालिब का "अंदाज़-ए-बयां और "
तो आज हम इसी शेर को कुछ इस तरह भी कह सकते हैं
हैं,और भी दुनिया में मुशायरे के इदारे बहुत अच्छे
कहते हैं की शाज़िया अप्पी का "अंदाज़-ए-बयां और
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