अगर आप हमारी वेबसाइट www.anthought.com के नियमित पाठक,क़ारी (रीडर) हैं, तो आपने ज़रूर महसूस किया होगा कि पिछले दो सालों से हम लगातार अपने मज़ामीन (Articles) को निखारने और बेहतर बनाने की कोशिश में हैं। शुरुआत में हमारा ध्यान सिर्फ़ हिंदी क़ारीन (पाठकों) पर था, लेकिन वक़्त के साथ ये एहसास हुआ कि उर्दू न जानने वाले भी उर्दू ज़बान के लफ़्ज़ों और लहजे से मोहब्बत करते हैं — चाहे रसमुल-ख़त हिंदी ही क्यों न हो।
इसी एहसास ने हमें अपनी रसमुल-ख़त (Writing Letters) में एक नया रंग देने पर मजबूर किया। जहाँ पहले शुद्ध हिंदी का इस्तेमाल था, वहाँ अब हमने उर्दू की नफ़ासत, लहजे की मिठास और अल्फ़ाज़ की ख़ुशबू घोल दी है। नतीजा ये हुआ कि बहुत-सी सवानिह (Biographies) को हमने पूरी तरह से नए और दिलकश अंदाज़ में ढाल दिया है — ताकि हर क़ारी पाठक, चाहे हिंदी जाने या उर्दू, हमारे लफ़्ज़ों में वो जज़्बा, वो एहसास और वो रवानी महसूस कर सके जो हमारी पहचान बन चुकी है।
उर्दू अदब और शोरा का जदीद (Modern Iconic) चेहरा
इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए हम ये भी बताना चाहेंगे कि चीज़ों को तराशने और निखारने के इस सफ़र में हमने अपने Graphics पर भी ख़ास तवज्जो दी है। बहुत-से ऐसे शोरा जिनकी Images, Portraits या Photographs पुरानी, black & white या धुंधली हुआ करती थीं — उन्हें हमने जदीद दौर की ( Modern edge AI Technology) की मदद से बेहद ख़ूबसूरत, असरदार और iconic photographs में तब्दील किया है।
इन तसवीरों को हमने Meaningful Headlines के साथ अपने Thumbnails में इस अंदाज़ से इस्तेमाल किया है कि हर तस्वीर अब खुद अपनी कहानी बयां करती नज़र आती है।
हालाँकि, ये भी ज़रूरी है कि हम ये बात वाज़ेह कर दें कि कुछ लोग हमारे बनाए हुए Graphics और Content को चोरी कर रहे हैं। इसी वजह से अब हम Copyright Policies, Watermarking और यहाँ तक कि Photographs में Code Embedding जैसे तमाम तरीक़ों से अपनी हर चीज़ की Security का पूरा ख़याल रख रहे हैं — ताकि हमारा हर (Piece of Art) हमारी पहचान के साथ महफ़ूज़ रहे।
अदब की तारीख़ को सदियों तक ज़िंदा रखने का अज़्म
हम ये तस्लीम करते हैं कि हमारी तहरीरों, रसमुल-ख़त और दूसरे कई हिस्सों में अब भी कुछ ग़लतियाँ मौजूद हैं, लेकिन साथ ही ये भी हक़ीक़त है कि आप सब देख रहे हैं — हमारी लगन, हमारी कोशिशें और हमारी बेपनाह मेहनत हर रोज़ इन्हीं ख़ताओं को दुरुस्त करने और चीज़ों को और बेहतर व निखरा हुआ बनाने में लगी हुई हैं।
हमारा यक़ीन है कि हम यहाँ अदब की ख़िदमत के लिए मौजूद हैं — और हमारा असल मक़सद है कि उर्दू और हिंदी अदब के तमाम शोरा, अदीबों और रचनाकारों की तारीख़ (Golden History) को इस तरह रक़म किया जाए कि उनकी ज़िंदगी, फ़िक्र और तख़लीक़ात आने वाली सदियों तक पढ़ी और समझी जाती रहें।
इस सफ़र में हमें अपने तमाम मोहसिन, मुख़लिस और रोशन-ख़याल दोस्तों के मशविरों और रहनुमाई की हमेशा ज़रूरत रहती है। हम हर उस शायर या अदीब की बात को तवज्जो से सुनते हैं और उनकी मशवरे के साथ उनकी Biographies को वक़्त-ब-वक़्त Update करते रहते हैं।
हमारी ये कोशिश सिर्फ़ Biographies तक महदूद नहीं — बल्कि Books Title Covers, Photographs, Awards, यहाँ तक कि Certificates तक हम बार-बार उनकी Profiles को Edit कर के संवारते, जोड़ते और तराशते रहते हैं।
और ये तमाम ख़िदमात, ये सारा सफ़र-ए-अदब, बिना किसी Charge के, सिर्फ़ और सिर्फ़ अदब की मोहब्बत और उसकी हिफ़ाज़त के लिए — मुसलसल जारी है।
अदब की रोशनी से जगमगाता आलम ( Global Approach )
अब कुछ ख़ुश-फ़हमियाँ (ख़ुशगवार बातें) भी आपसे साझा कर लेते हैं, क्योंकि आप हमारे दिल के इतने क़रीब हैं कि हर एहसास, हर कामयाबी और हर तजुर्बा आपकी नज़र करने को जी चाहता है।
अल्लाह अज़्ज़वजल् का बेपनाह शुक्र है कि हमारी ये वेबसाइट लगातार कामयाबी की सीढ़ियाँ चढ़ रही है — और ये सब आप जैसे मोहतरम, सच्चे और वफ़ादार दोस्तों की दुआओं और मुहब्बत की बदौलत मुमकिन हुआ है।
आपको ये जानकर यक़ीनन ख़ुशी होगी कि हमारी वेबसाइट का Traffic दिन-ब-दिन ही बढ़ता जा रहा है और साथ ही तमाम Statistics भी क़ाबिले-तारीफ़ अंदाज़ में Improve हुए हैं।
इस वक़्त India से लगभग 28.7k+ traffic है, जबकि 50% से ज़्यादा Visitors USA से हमारी तहरीरें पढ़ रहे हैं — इसके बाद Netherlands जैसे ममालिक (Countries ) में भी हमारी वेबसाइट के क़ारीन बड़ी तादाद में मौजूद हैं।
इसका मतलब साफ़ है — कि www.anthought.com अब सिर्फ़ एक वेबसाइट नहीं रही, बल्कि अदब का एक आलमी (Global) मंच बन चुकी है, जहाँ उर्दू और हिंदी अदब के चाहने वाले हर कोने से जुड़ रहे हैं।
नीचे Real-Time data की तस्वीर लगाई जा रही है — जिसे देखकर आप खुद महसूस कर सकेंगे कि हमारी ये छोटी-सी कोशिश अब एक बड़ी अदबी तहरीक बनती जा रही है।
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| SCREEN SHOT BLOGGER STATICS |
हमारी वेबसाइट की Domain Authority (D.A.) 55 तक पहुँच चुकी है, जिसे आला और क़ाबिले-तारीफ़ माना जाता है। साथ ही, हमारी Page Authority (P.A.) भी लगातार बेहतर और मजबूत होती जा रही है।
इन मख़सूस (Statistics) का स्क्रीन शॉट नीचे पेश किया जा रहा हे, ताकि आप खुद देख सकें कि हमारी मेहनत और लगन ने www.anthought.com को किस हद तक (Digital) दुनिया में मोअज़्ज़ि और मोअतबर मुकाम (Platform) बना दिया है।
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| SCREEN SHOT, MOZ TOOL 07/11/2025 |
खालिद मेहमूद खालिद नक्शबंदी साहब का ये शेर मेरे दिल के जज़्बात अयाँ करता हे कि
ये सब तुम्हारा करम हे आक़ा, की बात अब तक बानी हुयी हे
न मांगने का कोई सलीक़ा, न बंदगी मेरी बंदगी हे
हम ना ठहरे हैं, ना रुके हैं, ना टूटे हैं और इन शा अल्लाहुल अज़ीम न रुकेंगे, हम जानते हैं कि अल्लाह की पाक ज़मीन पर तमाम तरह के लोग होते हैं, जो ज़बानी जमा खर्च करते रहते हैं, लेकिन ये भी कड़वी हकीकत है कि इंसान की ज़बान नहीं क़िरदार साबित होता है, क़िरदार बताता हे कि इंसान क्या हे, उसकी तमाम हरकतें (Activities ) और तमाम फ़िक्रों फिरासत बताती हैं कि इंसान क्या हे,
इंशा अल्लाह आने वाले कुछ महीने में हम अपनी वेबसाइट बहुत ही (Advance Full full-stack)और (Mobile app) के साथ, बहुत सारे नए डिजिटल प्रोडक्ट्स के साथ (Relaunch) करने जा रहे हैं
आप सभी से एक बार फिर दरख़्वास्त है कि “गुफ़्तगू” कॉलम के लिए आप अपने मज़ामीन और तख़लीक़ात भेज सकते हैं।
हमारा ईमेल और मोबाइल/व्हाट्सऐप नंबर इस ख़त के आख़िर में दिया जा रहा है।
हमारी हमेशा की तरह आपसे भी दरख़्वास्त है कि आइए,
साथ मिलकर अदब के इस जहाँ को रोशन करें।
हमारे साथ आइए और कुशादा और फ़राग़दिल होकर
सारी ज़मीन को इल्म, अदब, तहज़ीब और तमद्दुन,
कविताओं, गीतों, ग़ज़लों, क़व्वालियों और रुबाइयों से महकाएँ।
आपका अपना
अदब की रोशन ज़मीन का हक़ीर ज़र्रा
ZIAUS SAHAR RAZZQI ( Z S RAZZAQI )
ضیالسَّحَر رَزّاقی
MOBILE NO.7011631225 (W)
E-mail- zsrazzaqi@gmail.com


